डेलॉयट के सहयोग से आज हरियाणा सरकार ने ‘‘संजीवनी परियोजना’’ लॉन्च की, यह अभियान राज्यों को कोविड-19 की लहर का सामना करने में मदद करेगा
नई दिल्ली, 24 मई, 2021। डेलॉयट के सहयोग से आज हरियाणा सरकार ने ‘‘संजीवनी परियोजना’’ लॉन्च की। यह कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षणों के लिए स्वास्थ्य सेवा की शीर्घ उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए निरीक्षणाधीन, वर्चुअल होम केयर अभियान है। हरियाणा सरकार द्वारा अपनाया गया यह दृष्टिकोण लोगों को घर पर अपनी देखभाल के प्रबंधन के लिए सहयोग व संसाधन प्रदान करेगा, जिसमें राज्य द्वारा प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ द्वारा उचित समझे जाने पर वर्चुअल ट्रायेज़ एवं कोविड-19 फील्ड अस्पतालों और इन-पेशेंट सुविधाओं की उपलब्धता शामिल है।
हरियाणा-डेलॉयट का सहयोग राज्य की मौजूदा टेलीमेडिसीन एवं होम ट्रीटमेंट के लिए अन्य वर्चुअल मेडिकल केयर सेवाओं को मजबूत करेगा।
डेलॉयट, पब्लिक हैल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (Dr. K. Srinath Reddy) एवं पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेस – हरियाणा (Dr. Dhruva Chaudhry) द्वारा डिज़ाईन व सपोर्ट किया गया यह कार्यक्रम जरूरतमंद लोगों को उनकी जरूरत के समय व स्थान पर जरूरी मेडिकल केयर प्रदान करने में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। यह पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही करनाल जिले में शुरू होगा और उसके बाद तेजी से इसे अन्य प्रभावित इलाकों में शुरू किया जाएगा।
डेलॉयट के ग्लोबल सीईओ, पुनीत रंजन ने कहा, ‘‘जब सरकार कोविड-19 मरीजों को आवश्यक मेडिकल केयर प्रदान कर रही है, तो डेलॉयट का उद्देश्य एक उपयोगी प्रभाव उत्पन्न करना है और हरियाणा के लोगों को सहयोग करना है। हमारे द्वारा उत्पन्न यह सबसे महत्वपूर्ण प्रभावों में से एक है। यह सहयोग उन लोगों को मदद प्रदान करके ‘मेडिकल वार्ड का विस्तार’ करेगा, जो घर पर ठीक हो सकते हैं। इससे बड़े अस्पतालों की क्षमता का इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज करने के लिए हो सकेगा। यह दृष्टिकोण ‘उद्देश्य के लिए उपयुक्त’ डिज़ाईन किया गया था और इससे एक ऐसा मॉडल मिलेगा, जो क्षेत्र में और उसके आस पास महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संसाधनों की उपलब्धता एवं विस्तृत स्वास्थ्य संभव बनाएगा।’’
‘संजीवनी परियोजना’ ग्रामीण इलाकों में भी मेडिकल केयर का विस्तार करेगी, जहां वायरस की दूसरी लहर और इसके इलाज के बारे में जागरुकता कम है। अधिकारियों का मानना है कि सही प्रक्रियाओं एवं देखभाल के साथ लगभग 90 फीसदी मरीजों के लिए घर पर इलाज में सहयोग करना संभव है।
इस सात्र सूत्रीय अभियान में निम्नलिखित शामिल हैः
1. हॉस्पिटल बेड्स, ऑक्सीजन सप्लाई, एंबुलैंस, मेडिकल प्रोफेशनल्स एवं घर पर रहने वाले मरीजों की निगरानी सहित अल्प संसाधनों के प्रबंधन के लिए एक रिमोट कमांड सेंटर का संचालन।
2. मौजूदा कॉल सेंटर क्षमताओं का कोविड-19 हॉटलाईन के साथ विस्तार।
3. हल्के से मध्यम मामलों के लिए वर्चुअल हैल्थ सेवाएं (निगरानी सहित) प्रदान करने के लिए 200 मेडिकल विद्यार्थियों को तैयार करना। इसमें मास्क, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर और बेसिक दवाईयों के साथ होम केयर किट्स का वितरण शामिल है।
4. एएलएस एंबुलैंस एवं मोबाईल फार्मेसी का क्रियान्वयन।
5. कोविड-19 मरीजों में हुई वृद्धि के लिए फील्ड हॉस्पिटल में मेडिकल उपकरण (यानि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स आदि) लगाना।
6. होम केयर प्रोटोकॉल्स पर एवं होम केयर में सहयोग के लिए सामुदायिक कर्मियों (आशा नेटवर्क) के उपयोग पर जागरुकता अभियान चलाना।
7. अन्य इलाकों में पुनरावृत्ति के लिए एक प्लेबुक तैयार करना।
आपस में जुड़ी ये गतिविधियां हरियाणा सरकार को मरीजों को मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के तीन टियर प्रदान करने में समर्थ बनाएंगी, जिनमें शामिल हैंः
· गांव एवं उपकेंद्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए आईसोलेशन वार्ड, जिनके पास घर में आईसोलेशन की सुविधा नहीं। यहां पर डॉक्टर (आयुष डॉक्टर सहित), नर्सें एवं कार्यकर्ता हों।
· जिला या उपजिला के स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फील्ड हॉस्पिटल, जहां ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत के साथ मध्यम लक्षण वाले मरीजों के लिए ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर लगे हों।
· बड़े सरकारी, नागरिक या निजी अस्पतालों में एडवांस्ड मेडिकल सेंटर, जहां गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए आईसीयू सुविधाएं हों।
‘संजीवनी परियोजना’ अभियान हरियाणा के लोगों को दी गई स्वास्थ्य सेवाओं में परिवर्तन लाने में मदद करेगी। आशा (मान्यताप्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कर्मी प्राथमिक फ्रंटलाईन स्वास्थ्य कर्मियों को सहयोग देते रहेंगे और नागरिकों को इस नए कार्यक्रम के फायदों के बारे में बताएंगे।
डेलॉयट का सहयोग, जो पायलट के लिए निस्वार्थ प्रदान किया जा रहा है, यह एक ओपन सोर्स टेक्नॉलॉजी, ऑर्गेनाईज़ेशनल प्रैक्टिसेस एवं प्लेबुक्स पर बना है, जिन्हें भारत एवं अन्य जगहों पर सर्वश्रेष्ठ सरकारी एजेंसियों एवं मेडिकल संस्थानों ने अपनाया है। ये प्रोटोकॉल सरकारों को कोविड-19 मरीजों में आए उछाल का समाधान करने के लिए दिए जाने वाले सहयोग को तेजी से बढ़ाने में समर्थ बनाते हैं।
इन प्रयासों से ली गई सीख का इस्तेमाल जन स्वास्थ्य संलग्नता एवं सहयोग के नए मॉडल लाने के लिए किया जाएगा। यह मरीजों तक ज्यादा तेजी से पहुंचने एवं जन स्वास्थ्यकर्मियों को क्रिटिकल मेडिकल केयर प्रदान करने के लिए नए तरीके से क्लिनिशियंस के साथ सहयोग करने में मदद करेगा।
रंजन ने कहा, ‘‘जब तक सभी व्यक्ति कोविड से सुरक्षित नहीं, तब तक कोई एक भी व्यक्ति कोविड से सुरक्षित नहीं। जरूरत के समय भारत की मदद करना न केवल भारत में आई मौजूदा लहर का समाधान करने का सही तरीका है, बल्कि यह पूरी दुनिया की सेहत में भी योगदान देगा।’’
More News Click Here
Discover thousands of colleges and courses, enhance skills with online courses and internships, explore career alternatives, and stay updated with the latest educational news..
Gain high-quality, filtered student leads, prominent homepage ads, top search ranking, and a separate website. Let us actively enhance your brand awareness.