प्यासा कौवा - Pyasa Kauwa (Thirsty Crow) | Hindi Moral Stories
प्यासे कौए की बहुत ही प्रेरणा दायक कहानी का वर्णन करने जा रहे हैं। कोमलवन नमक जंगल में भीषण गर्मी पड़ी। जिस वजह से पूरा जंगल सूख चूका था और पानी का एक कतरा भी नहीं बचा था ।
सभी जानवर, पक्षी प्यासे थे और पानी पीने के लिए तड़प रहे थे।
उसी जंगल के एक कौआ भी रहता था जो आज बहुत ही प्यासा था। सुबह से पानी ढून्ढ रहा था पर भी उसको एक बूँद पानी भी नहीं मिल पा रहा था।
कड़ी मेहनत से दिनभर इधर उधर घूमा तो कही जाके उसे एक घड़ा दिखाई दिया।
वह घड़ा बहुत ही गहरा था और बहुत थोड़ा सा पानी था। साथ ही घड़े का मुँह भी छोटा था। कौआ काफी प्रयास कर रहा था फिर भी चोंच पानी तक नहीं पहुँच पा रही थी।
लेकिन पानी तो पीना था। पानी काम था, चोंच पहुंच नहीं रही थी। अब क्या करें ? उसने हिम्मत नहीं हारी और प्रयास करता रहा, सोच ता रहा, अचानक उसे उसे एक उपाय सूझा।
कौए ने पास ही पत्थर के कुछ टुकड़े देखे । मेहनत तो करनी पड़ती लेकिन पानी तो पीना ही था। कौआ एक एक पत्थर उठाने लगा और घड़े में डालता गया।
और देखिये – सफलता 🙂 पानी अब धीरे धीरे ऊपर आने लगा।
सफलता देख कौए के प्रयासों में तेरी आयी और वे लगातार पत्थर डालता गया।
पानी अब काफी ऊपर आ चूका था, कौए की चोंच वहाँ तक पहुँच गई।
कौए ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई, खुद के प्रयास को सराहा और वहां से उड़ गया ।
Moral of Story
शिक्षा – सयम का साथ थोड़ा दिमाग लगाएंगे , मेहनत करें , तो हर परेशानी का हल संभव है।