Prernadayak Sher Ki Kahani | Online Moral Story for Kids - Easyshiksha

प्रेरणादायक शेर की कहानी - Prernadayak Sher ki kahani | Hindi Moral Stories

शेर जंगल का राजा होता है ये तो आप सब जानते ही होंगे । शेर अत्यंत ही बलशाली और घमंडी होता है। उसे अपने जंगल में सब जानवरो को डरा कर रखना अच्छा लगता है ।

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एक दिन शेर जंगल में घूमने के लिए निकला। वहां जंगल में उसने देखा के एक राजा हाथी पर आसन लगा कर शान से बैठा है।

उस राजा को हाथी पे बैठा देख शेर के मन में भी हाथी पर आसन लगाकर बैठने की इच्छा हुई। शेर ने सोचा – "मैं भी तो अपने जंगल का राजा हूँ, मुझे भी हाथी पे बैठ के घूमना चाहिए"

फिर क्या था – शेर ने अपने जंगल – "मनमोहक वन " के सभी जानवरों को आदेश दिया "हाथी पर एक आसन लगाया जाए।"

शेर बोलै के वह भी राजाओ की तरह हाथी पर बैठ के सवारी करना चाहता है।

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अपने राजा शेर की इच्छा जान सभी जंगल के जानवर काम पे लग गए और हाथी पर झट से आसन लग गया।

शेर ये सब देख के अत्यंत ही प्रसन्न था। वे लपक के अगले ही पल हाथी पर लगे आसन पर जाकर बैठ गया ।

हाथी को आदेश दिया चलने के लिए -सवारी शुरू होगयी, लेकिन ?

हाथी जैसे ही शेर को बैठा के थोड़ा सा आगे चलता है उस पर लगा आसन हिल जाता है और शेर

अगले ही पल शेर नीचे धड़ाम से गिर जाता है

शेर गिरा और बेचारे की टाँग ही टूट गई

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अब क्या था – शेर की समझ आ चुका था और खड़ा होकर बोलै – " पैदल चलना ही ठीक रहता है"

Moral of Story

शिक्षा – नक़ल नहीं करनी चाहिए।

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