लड़ती बकरियाँ और सियार | Ladti Bakriya Aur Siyar | | Hindi Moral Stories
एक पुराने समय की बात है, एक गाँव में बाजार के बाहर दो बकरियों के बीच घमासान लड़ाई हो रही थी। उनके बीच की लड़ाई को देखने के लिए बाजार गए हुए लोगों की भीड़ लग गई थी।
लोग उत्साह के साथ उस लड़ाई को देख रहे थे और दोनों बकरि मे बीच टकराव होने पर तालियाँ बजा रहे थे साथ ही और लड़ो! और लड़ो! बोल कर चिल्ला रहे थे।
उसी समय पास से एक सियार गुजर रहा था। दूर से जब उसने लोगों की भीड़ को देखा तो वह भी उत्सुक हुआ देखने के लिए। जब वह पास देखने के लिए पहुँच तो उसने देखा दो बकरियों के बीच घमासान लड़ाई हो रहा है।
दोनों बकरियों के टक्कर के कारण जमीन पर उनका ताज़ा खून भी पड़ा था। खून को देख कर सियार अपने आप को रोक ना सका और तुरंत बकरियों के बीच कूद पड़ा।
दोनों बकरि बहुत ही ताक़तवर थे। जैसे ही उन्होंने देखा एक सियार उनके ही तरफ आ रहा है उन्होंने उस सियार पर आक्रमण कर दिया और उसे बुरी तरह से घायल कर दिया।
Moral of the story
लालच मे आकर कभी भी बिना सोचे समझे कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए।
कभी भी किसी जीव को दुर्बल नहीं समझना चाहिए।