Flying Mat | Moral Values | Online Hindi Story for Kids - Easyshiksha

उड़ती चटाई | Flying Mat | Hindi Moral Story

आज हम आपको श्री गुरूनानक के जीवन से जुड़े कई प्रेरणादायक किस्सों में से एक सुनाने जा रहे हैं। हमें आशा है कि यह कहानी आपको पसंद आएगी।

no-image

अपने दोनों चेलों के साथ गुरु नानक श्रीनगर- कश्मीर यात्रा पर गए. वहां लोग गुरु नानक देव की सरलता से परिचित थे. एक दिन गुरु नानक वहां लोगों से भेंट करने के लिए आये तो हज़ारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रीनगर में उस समय पर एक पंडित हुआ करते थे, जिनका नाम ब्रह्मदास था. दैवी उपासना और आराधना में प्रवीण होने पर उनके पास कई असाधारण सिद्धि थीं. अपना कौशल दिखाने के लिए ब्रह्मदास उड़ती चटाई पर सवार हो कर गुरु नानक के पास पहुंचे.

स्थान पर पहुँच कर देखा तो लोगों का जमावड़ा था. लेकिन गुरु नानक देव कहीं नज़र नहीं आ रहे थे. इधर-उधर झाँक कर ब्रह्मदास नें लोगों से पूछा, कहाँ है गुरु नानक देव?

तब लोगों नें कहा, आप के सामने ही तो वह बैठे हैं. उड़ती चटाई पर सवार ब्रह्मदास नें सोचा की लोग शायद उसका मज़ाक बना रहे हैं, वहां गुरु नानक तो है ही नहीं. यह सोच कर वह जाने लगा तो, उसकी चटाई ज़मीन पर आ पड़ी और साथ वह भी नीचे आ गिरा.

no-image

इस घटना के कारण वहां उसकी खूब किरकिरी हुई, उसे अपनी चटाई कंधे पर लाद कर घर जाना पड़ा. घर जा कर उसने अपने नौकर से पूछा की, मुझे गुरु नानक क्यों नहीं दिखे? तब उनका शालीन नौकर बोला, शायद आप के आँखों पर अहम की पट्टी बंधी थी.

अगले दिन पंडित ब्रह्मदास विनम्रता के साथ चल कर वहां गया. उसने देखा तेज मुखी गुरु नानक वहीँ विराजमान थे. वह लोगों के साथ सत्संग कर रहे थे. तभी ब्रह्मदास से रहा नहीं गया, उसने गुरु नानक से सवाल किया, कल मैं चटाई पर उड़ कर आया था, लेकिन तब आप मुझे आप क्यों नहीं दिखे थे?

तब गुरु नानक बोले, इतने अंधकार में भला मैं तुमको कैसे दिखता. यह सुन कर ब्रह्मदास बोला, अरे… अरे… मैं तो दिन के उजाले में आया था. ऊपर आसमान में तो चमकता सूरज मौजूद था, तो अंधकार कैसे हुआ?

गुरु नानक नें कहा-

no-image

अहंकार से बड़ा कोई अंधकार है क्या? अपने ज्ञान और आकाश में उड़ने की सिद्धि के कारण तुम खुद को अन्य लोगों से ऊँचा समझने लगे. अपने चारो तरफ़ देखो, कीट-पतंगे, जंतु, पक्षी भी उड़ रहे हैं. क्या तुम इनके समान बनना चाहते हो?

ब्रह्मदास को अपनी भूल समझ आ गयी. उसने गुरु नानक से मन की शांति और उन्नति का ज्ञान लिया और भविष्य में कभी अपनी सिद्धिओं पर अभिमान नहीं किया.

Experience the Speed: Now Available on Mobile!

Download EasyShiksha Mobile Apps from Android Play Store, Apple App Store, Amazon App Store, and Jio STB.

Curious to learn more about EasyShiksha's services or need assistance?

Our team is always here to collaborate and address all your doubts.

Whatsapp Email Support