दो भाई के दो अलग रास्ते - Do Bhai Ke Do Alag Raste | Hindi Moral Stories
केरला के एक छोटे से गांव में दो भाई रहते थे। एक का नाम मोहित था, वह शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था। तो दूसरे का नाम मंगल था, वह शराबी था। मंगल गांव में अपने भाई के पैसो से रह रहा था, और पूरा दिन सिर्फ शराब ही पिता रहता था। वह किसी की एक बात नहीं सुनता था। छोटे भाई मोहित ने भी उसे समजना बंद किया था क्यों की मंगल उसका बड़ा भाई था और वह बहुत गुस्सा होता था। लेकिन हर महीने मोहित उसे पैसो की मदद करता था।
एक दिन गांव के कुछ लोगो ने इस समस्या के बारे में दोनों भाइयों से बात करने की सोची। वे पहले बड़े भाई यानी मंगल के घर चले गए। मंगल हमेशा की तरह शराब पि कर जमीन पर लेता था। लोगों ने उसे कुर्सी पर बैठाया और ज्यादा शराब पिने की वजा पूछ ने लगे।
मंगल बोला, “मेरे पिता शराबी थे, वे अक्सर मेरी माँ और हम दोनों भाइयों को पीटा करते थे। भला तुम लोग मुझसे और क्या उम्मीद कर सकते हो। मैं भी वैसा ही हूँ।”
फिर वे छोटे भाई के पास चले गए। वो अपने काम में व्यस्त था और थोड़ी देर बाद उनसे मिलने आया।
गांव के लोगों ने इस भाई से भी वही प्रश्न किया, “आप इतने सम्मानित बिजनेसमैन हैं, सभी आपकी प्रशंसा करते हैं, आखिर आपकी प्रेरणा क्या है?”
“मेरे पिता“ मोहित ने बोला
लोगों ने आश्वर्य से पूछा , “भला वो कैसे?”
“मेरे पिता शराबी थे, नशे में वो हमें मारा- पीटा करते थे। मैं ये सब चुप -चाप देखा करता था, और तभी मैंने निश्चय कर लिया था की मैं ऐसा बिलकुल नहीं बनना चाहता। मुझे तो एक सभ्य, सम्मानित और बड़ा आदमी बनना है और मैं वही बना।” मोहित ने अपनी बात पूरी की।
Moral of the story
हमारी सोच ही है जो हमे एक अच्छा व्यक्ति बनाती है।