चिड़िया की कहानी - Chidiya Ki Kahani | Hindi Moral Stories
“मनमोहक वन” नमल एक सुन्दर जंगल था और उसके एक नन्ही चिड़िया रहा करती थी।
सभी जानवर बड़े प्यार से रहते थे। किसी गर्मी के दिन की बात है वह भीषण आग लग गयी।
सभी जानवर सभी परेशान थे, काफी डर रहे थे और सोच रहे थे के क्या करें ??
तभी थोड़ी ही देर में जंगल में भगदड़ मच गयी। हवा तेज़ थी और देखते ही देखते आंग तेज़ी के साथ फैलने लगी।
हर किसी को अपनी जान की चिंता थी। जान बचने के लिए सभी जानवर इधर से उधर भाग रहे थे।
नन्हीं चिड़िया ने देखा क़ि लोग भयभीत हैं और जंगल में आग लगी है। वह उड़ सकती थी। खुद को बचा सकती थी लेकिन उसने सोचा के उसे अन्य जानवरो की मदद करनी चाहिए।
पर वे बेचारी क्या कर सकती थी – जल्दी ही पास की नदी में गयी और अपनी छोटी सी चोच में पानी भरकर लाई और आग में डालने लगी.
नन्हीं चिड़िया बार बार नदी में जाकर अपनी चोच में थोड़ा थोड़ा पानी लाती और डालती। उधर एक उल्लू गुजर रहा था और उसने चिड़िया की इस हरकत को देखा और मन ही मन बोला क़ि ये चिड़िया कितनी वेवकूफ है.
इस आग को क्या भला ये चोंच में पानी भरकर बुझा सकती है?
उल्लू यही सोचता हुआ चिड़िया का मज़ाक उड़ने के उद्देश्य से चिड़िया के पास जाता है और बोलता है –“यह क्या कर रही हो ? क्या तुम मूर्ख हो जो इस तरह से आग बुझा ने की कोशीश कर रही हो? क्या ऐसे आग बुझाई जा सकती है ?”
नन्हीं चिड़िया ने अत्यंत ही विनम्रता के साथ उत्तर दिया- “मेरे छोटे से प्रयास से शायद ही कुछ होगा, शायद ही ये आग बुझेगी, लेकिन क्या हम हाथ पे हाथ धरे बैठे रहें ? हमसे जो भी होसके वह करना है। प्रयास ही बड़ी चीज़ है। मैं अपना प्रयास करती रहूंगी फिर आग चाहे कितनी भी भयंकर हो”
चिड़िया की यह बात सुन – उल्लू बहुत प्रभावित हुआ और अन्य जानवरो को प्रेरित कर चिड़िया की मदद करने लगा |
Moral of the story
हमें सदा हर संभव प्रयास करना चाहिए। इंसान परेशानी के समय घबराकर हार मान लेता है लेकिन हमें प्रयास करते रहना चाहिए।