बन्दर मामा
रौब से निकले बन्दर मामा,
आज सिलाऊं मस्त पैजामा।
मल-मल कर उसको धुलवाऊं,
पानी छिड़क इस्त्री करवाऊं।
सेंट लगा ससुराल जाऊं,
ताम-झाम अपना दिखलाऊं।
रात तक पहुंचे ससुराल,
सबने पूछे उनके हाल।
सासू ने पकवान बनाए,
मिल बांट सबने खाए।
सुबह बीवी की करा विदाई ,
शाम को घर लौट आए भाई।