सर्दी की धूप
सर्दी की उजली,
गुनगुनी धानी धूप।
मां के आंचल-सी,
लगती सुहानी धूप।
कुरमुरी- कुरमुरी,
खाता मुंगफली-सी।
लगती है नमकीन,
पूड़ी- पानी धूप।
मीठी- मनभाती,
निदिरा-सी, लोरी-सी।
नानी के मुख से,
सुनी कहानी धूप।
जीवन हो सबका,
उजला जैसे दरपना।
खुश हो कहती है,
सबको सयानी धूपान।