कोयल
काली कोयल बोल रही है,
डाल-डाल पर डोल रही है |
कुहू कुहू का गीत सुनाती
कभी नही मेरे घर आती |
आमों कि डाली पर गाती
बच्चों के दिल को बहलाती |
कूक-कूक कर किसे बुलाती
क्या अम्मा की याद सताती ?
यदि हम भी कोयल बन जाते
उड़ते फिरते, गीत सुनाते |