बारहखड़ी
अ से अनार, आ से आम
बच्चो जग में करो नाम।
इ से इमली, ई से ईख
बड़ों से मिलती है सीख।
उ से उल्लू, ऊ से ऊन
रात को चमकते मामा मून।
ऋ से तो होता है ऋषि
भारत के लोग करते कृषि।
ए से एड़ी, ऐ से ऐनक
दादा जी से घर में रौनक।
ओ से ओखली, औ से औरत
छोटे-बड़ों से करो मोहब्बत।
अं से अंगूर, अः से खाली
सीख गए तो बजाओ ताली।