वीर अभिमन्यु | The valiant Abhimanyu | Myth Stories for Kids
अभिमन्यु अर्जुन और सुभद्रा के पुत्र थे। जब सुभद्रा अभिमन्यु के साथ गर्भवती थी, पांच पांडव भाइयों में से एक अर्जुन ने अपनी पत्नी को चक्रव्यूह युद्ध तकनीक के बारे में बताने का फैसला किया ।
अर्जुन ने सुभद्रा को बताया कि कैसे चक्रव्यूह को तोड़ना है , जो सशस्त्र सैनिकों द्वारा दुश्मन को फंसाने और उसमें प्रवेश करने के लिए बनाई गई भूलभुलैया है। अभिमन्यु ने सुभद्रा के गर्भ के अंदर से पूरी प्रक्रिया को सुना और याद किया।
लेकिन जब तक अर्जुन ने उसे चक्रव्यूह से बाहर आने के बारे में बताया , तब तक सुभद्रा सो गई। नतीजतन, अभिमन्यु ने केवल भूलभुलैया में प्रवेश करना सीखा, लेकिन यह नहीं जान सका कि इससे कैसे निकला जाए।
बाद में जीवन में, जब युवा अभिमन्यु महाभारत के महान कुरुक्षेत्र युद्ध में लड़े, तो उन्हें दुश्मन के चक्रव्यूह गठन का सामना करना पड़ा । वह फॉर्मेशन में तो आ सकता था, लेकिन बाहर नहीं आ सका।
अभिमन्यु ने एक रथ का पहिया लिया और निहत्थे शत्रुओं से लड़ते हुए उसे घुमाया। उन्होंने आसानी से हार नहीं मानी और अंतिम सांस तक बहादुरी से लड़ते रहे।
नैतिक: अभिमन्यु की कहानी हमें तब भी दृढ़ रहना सिखाती है जब स्थिति हमारे पक्ष में न हो। व्यक्ति को कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे कितना भी कठिन काम क्यों न हो।