सपनो की दुनिया - Sapno Ki Duniya | Hindi Moral Stories
पप्पू अपने गांव में मूर्खता के लिए जाना जाता था। एक दिन सुबह-सुबह पप्पू अंडे खरीदने बाज़ार पहुँच गया। बाज़ार से उसने अंडे खरीदे और उन अंडों को एक टोकरी नें भरकर अपने सिर पर रख लिया, फिर वह घर की ओर जाने लगा।
घर जाते-जाते उसे अलग-अलग खयाल आने लगे जैसे कि, अगर इन अंडों से बच्चे निकलें तो मेरे पास ढेर सारी मुर्गियाँ होंगी। वह सब मुर्गियाँ ढेर सारे अंडे देंगी।
उन अंडों को बाज़ार में बैच कर मै धनवान बन जाऊंगा। अमीर बन जाने के बाद मै एक नौकर रखूँगा जो मेरे लिए शॉपिंग कर लाएगा। उसके बाद में अपनें लिए एक महल जैसा आलीशान घर बनवाऊंगा। उस बड़े से घर में हर प्रकार की भव्य सुख-सुविधा होंगी।
भोजन करने के लिए, आराम करने के लिए और बैठने के लिए उसमें अलग-अलग कमरे होंगे। घर सजा लेने के बाद मैं एक गुणवान, रूपवान और धनवान लड़की से शादी करूंगा।
अपनी पत्नी के लिए भी एक नौकर रखूँगा और उसके लिए अच्छे-अच्छे कपड़े, गहने वगैरह ख़रीदूँगा। शादी के बाद मेरे २-३ बच्चे होंगे, बच्चों को में खूब लाड़ प्यार से बड़ा करूंगा। और फिर उनके बड़े हो जाने के बाद उनकी शादी करवा दूंगा। फिर उनके बच्चे होंगे। फिर में अपने पोतों के साथ खुशी-खुशी खेलूँगा।
पप्पू अपने ख़यालों में चले जा रहा था, तभी उसके पैर को एक बड़ा सा पत्थर लगा और सिर पर रखी हुई अंडों की टोकरी धड़ाम से ज़मीन पर आ गिरी। अंडों की टोकरी ज़मीन पर गिरते ही सारे अंडे फूट कर बरबाद हो गए। अंडों के फूटने के साथ-साथ पप्पू के सपनें भी टूट कर चूर-चूर हो गए।
Moral of the story
हमें हमेशा वर्तमान में ही जीना चाहिए, सपनों की दुनिया में नहीं।